
*जेएनयू की कुलपति प्रो. (डॉ.) संतीश्री धूलिपुडी ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी में एप्पल आईओएस डेवलपमेंट सेंटर का किया
उद्घाटनचंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी ने भविष्य की शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए लॉन्च किया आईओएस डेवलपमेंट सेंटर, साठ लाख की लागत से बना अत्याधुनिक एप्पल लैब छात्रों को दिलाएगा वैश्विक तकनीकी अनुभव
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश में आईओएस डेवलपमेंट सेंटर का शुभारंभ — “नारी शक्ति, इनोवेशन और विकसित भारत की दृष्टि को साकार कर रही है चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश” : प्रो. डॉ. संतीश्री धुलीपुरी, वाइस चांसलर, जेएनयू*
*उन्नाव* : भारत की पहली एआई सपोर्टेड मल्टीडिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश ने हाइटेक एप्पल आईओएस डेवलपमेंट सेंटर का शुभारंभ किया, जिसका उद्घाटन जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की माननीय कुलपति प्रो. डॉ. संतीश्री धुलीपुरी ने किया। लगभग 60 लाख रुपये की लागत से स्थापित यह सेंटर 57 आईमैक टर्मिनलों और एप्पल के हाइटेक टूल्स जैसे एक्सकोड, स्विफ्ट, कोर एमएल, एआर किट, रियलिटी कम्पोज़र और फिग्मा से लैस है। इस सेंटर का उद्देश्य विद्यार्थियों को आईओएस एप डेवलपमेंट, एआई व मशीन लर्निंग इंटीग्रेशन, ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर)/वर्चुअल रियलिटी (वीआर) एक्सपीरियंस और क्रॉस प्लेटफॉर्म इनोवेशन की उच्च स्तरीय दक्षता प्रदान करना है।यह सेंटर भविष्य की शिक्षा के लिए एक रणनीतिक निवेश के रूप में देखा जा रहा है, जो चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को एप्पल-आधारित तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने वाले अग्रणी संस्थानों की श्रेणी में स्थापित करता है। यहां छात्र और शिक्षक एक्सकोड, स्विफ्ट, कोरएमएल और एआरकिट जैसे आधुनिक प्लेटफॉर्म पर काम कर सकेंगे। यह पहल विश्वविद्यालय की बहुविषयक शिक्षा नीति को मजबूत करती है, जिसमें कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिजाइन, फाइन आर्ट्स, फैशन, हेल्थकेयर और बिजनेस के छात्र एक साथ काम कर सकेंगे।इस अवसर पर प्रो. धुलीपुरी ने यूनिवर्सिटी की तेज़ी से हो रही प्रगति, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टूडेंट्स के अनुकूल शैक्षणिक वातावरण की सराहना की। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी ने ऐसा माहौल तैयार किया है जो विद्यार्थियों को प्रयोग करने, सीखने और असफलता से सफलता तक पहुँचने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी ‘नारी शक्ति’, ‘इनोवेशन’ और ‘विकसित भारत’ की भावना को साकार कर रही है तथा जेएनयू जैसी शीर्ष संस्थाएँ भी इससे बहुत कुछ सीख सकती हैं। उन्होंने आगे कहा कि एआई आने वाले समय की वैज्ञानिक क्रांति है और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश इसे शिक्षा और स्टार्टअप दोनों स्तरों पर सशक्त बना रही है।प्रो. डॉ. थिपेंद्र पी. सिंह, प्रो वाइस चांसलर, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश ने बताया कि यह सेंटर विद्यार्थियों को मोबाइल कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग और डिजिटल डिज़ाइन के क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि यह लैब नई पीढ़ी के ऐसे डेवलपर्स तैयार करेगी जो उद्योग की माँग के अनुरूप कुशल, रचनात्मक और इनोवेटिव होंगे। विद्यार्थियों को यहाँ वास्तविक प्रोजेक्ट विकास और प्रोडक्ट लॉन्च का अनुभव मिलेगा, जिससे उनके स्टार्टअप्स को भी बल मिलेगा।
वर्तमान में इस सेंटर में विद्यार्थी कई नवाचारी परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं, जिनमें कैंपस नेविगेशन एप, एआर आधारित इंटीरियर डिज़ाइन टूल, स्मार्ट कृषि मॉनिटरिंग सिस्टम और मानसिक स्वास्थ्य ट्रैकर एप जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं। यह सेंटर न केवल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए बल्कि डिज़ाइन, फाइन आर्ट्स, फैशन, हेल्थकेयर और बिज़नेस जैसे विभागों के लिए भी एक बहुविषयक शिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने इस पहल को तीन चरणों में आगे बढ़ाने की योजना बनाई है—पहले चरण में आईओएस एप विकास कार्यशालाएँ और प्रमाणपत्र कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे; दूसरे चरण में एआई, एमएल, एआर/वीआर से जुड़े शोध और पेटेंट विकास पर ध्यान दिया जाएगा; और तीसरे चरण में आईओएस आधारित स्टार्टअप्स, एप लॉन्च तथा अंतरराष्ट्रीय हैकथॉन आयोजित किए जाएंगे।आईओएस डेवलपमेंट सेंटर, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के फ्यूचर-रेडी एजुकेशन के विज़न का एक सशक्त प्रतीक है। यह न केवल विद्यार्थियों की तकनीकी और रचनात्मक क्षमताओं को बढ़ाएगा बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा। इस पहल से यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह भारत में इनोवेशन, डिजिटल शिक्षा और स्टार्टअप संस्कृति को नई दिशा देने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
रिपोर्ट सर्वेश खान







