महाशिवरात्रि पर विशेष
लेखक गोकर्ण प्रसाद ब्यूरो चीफ भारत वन न्यूज़ चैनल सीतापुर
माना जाता है की इस दिन भगवान शिव जी का प्राकट्य हुआ था इसके अलावा शिवजी का विवाह भी इसी दिन माना जाता है इस दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में संपूर्ण सुख मिलता है इस दिन व्रत उपवास मंत्र जा आप रात जागरण का विशेष महत्व है फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव सबसे पहले शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे इसी कारण इस इस तिथि को किसी तिथि को भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के प्रकट पर्व के रूप में हर वर्ष महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है मान्यता है इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था त्योहार उनके दिव्य मिलन का जश्न मना ने के लिए हर साल मनाया जाता है यह शिव शक्ति मिलन का प्रतीक है महाशिवरात्रि उसे दिन को याद करने के लिए मनाई जाती है जब शिव ने समुद्र मंथन के दौरान विषपी लिया था और दुनिया को अंधेरे और निराशा से बचाया था
पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 मार्च को रात में 9:00 बज कर 57 मिनट पर होगा यानी अगले दिन 9 मार्च को 6:15 तक समाप्त होगा इसलिए 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व मान्यता है इस रात को गृह उत्तरी गोलार्ध ग्रह का इस प्रकार अवस्थित होता है कि मनुष्य के भीतर की ऊर्जा प्राकृतिक रूप से ऊपर जाने लगती है कश्मीर में सहयोग मत में इस त्यौहार को हर रात और बोलचाल में है रात या हैरत भी कहा जाता है हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि पर्व का बड़ा महत्व है हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल दो बार महाशिवरात्रि मनाया जाता है पहले महाशिवरात्रि फागुन माह की कारण पक्ष चतु महाशिवरात्रि कोर्दशी तिथि को और दूसरीमहाशिवरात्रिसावन माह के कृष महाशिवरात्रि कोण पक्ष की द चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है महाशिवरात्रि को सूर्य और चंद्रमा किस तरह रेखांकित होते हैं कि हमारे शरीर का बात घटक सक्रिय हो जाता है वर्ष के इस समय की गतिविधि अधिकतम होती है उपवास के दौरान नारियल का पानी या फल का जूस पीना चाहिए महाशिवरात्रि उपवास में अनाज खाने को सख्त मना ही होती है पूजा वाले दिन मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए था मथुरा पान भी नहीं करना चाहिए घर में लड़ाई झगड़ा ना करें शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय मूर्ति पर या तस्वीर पर कनेर केतकी कमल के फूल नहीं चढ़ाना चाहिए तथा शिवलिंग पर सिंदूर नहीं अर्पित करना चाहिए भगवान शंकर को सौम्या और रूप में पूजा जाता है भगवान शिव को त्रिदेवों का संघारक संघारक का देवता माना जाता है वैसे भगवान शिव को हमेशा कल्याणकारी माना जाता है लेकिन ले और प्रलय दोनों अपने अधीन रखते हैं भगवान शिव सूर्य और असुर दोनों को सामान दृष्टि महाशिवरात्रि के दिन सोना नहीं चाहिए महाशिवरात्रि वह रात है जो दिन में तीसरी आंख खोलने का विद्या प्रदान करती है महाशिवरात्रि के दिन ओम नमः शिवाय तथा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें शिव का पूरा नाम महादेव है शिव के कुछ प्रचलित नाम महाकाल आदि देव विराट जटाधारी नाथ कल मृत्युंजय त्र्यंबक महेश विश्वेश्वर महारुद्र विश्व धर्म नीलकंठ महाशिव महापति काल भैरव भूतनाथ त्रिलोचन शशि भूषण आदिहैं सभी को भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए जिससे देश और समाज का भला होगा अपनी भारत माता भी शिव भगवान का अवतार है जिसका मस्तक हिमालय है हिमालय में गंगा रहती है मां भारती की पूजा सभी लोग साथ-साथ करें यही संकल्प आज के दिन ले ओम नमः शिवाय गोकर्ण प्रसाद ब्यूरो चीफ भारत न्यूज़ चैनल सीतापुर मोबाइल नंबर 7518 65 49 68
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