“एक तरफ़ा फैसले का भारी विरोध”
लॉक डाउन का फरमान, गरीब परेशान – व्यापार को भारी नुकसान
(फोटो फाइल अटैचमेंट में ऐड है |)
बलवाड़ा – खरगोन में हुई क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक के पश्चात जिले में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है | यह लॉक डाउन शुक्रवार रात्रि 9:00 बजे से प्रारंभ हुआ है, जो 19 तारीख तक चलेगा | वहीं दूसरी ओर, आम नागरिकों द्वारा इस लॉकडाउन के फैसले का भारी विरोध किया जा रहा है | आम नागरिकों का कहना है कि इस तुगलकी फरमान से गरीबों, व्यापारियों, मध्यमवर्गीय लोगों और दिहाड़ी मजदूरों का जीवन तहस-नहस हो जाएगा |
फैसले को वापस ले शिवराज सरकार – जिले में तालाबंदी की घोषणा होते ही इसके विरोध के भारी स्वर उठ रहे हैं | सोशल मीडिया सहित अन्य प्लेटफार्म पर इसे वापस लेने के लिए लोग मुखर हो रहे हैं | लोगों का कहना है कि दमोह को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाना आंखों में धूल झोंकने जैसा है | व्यापारी की कमर पहले ही लॉकडाउन ने तोड़ कर रख दी है, दोबारा इसे लगाने से व्यापार का बंटाधार हो जाएगा |
आगामी चुनाव में परिणाम भुगतेगी सरकार – उधर दूसरी ओर पिछले साल के मिले लोगों के जख्मों पर नमक डालने का काम तालाबंदी वाला फरमान कर रहा है | आम नागरिकों द्वारा साफ साफ शब्दों में कहा जा रहा है कि अभी तो खरगोन जिले में भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ है, आगामी त्रिस्तरीय चुनाव में हर जगह से भाजपा को उखाड़ कर फेंक दिया जाएगा |
भाजपाई भी कर रहे लॉक डाउन का विरोध – जब रोजी-रोटी की बात आती है तो सभी वर्ग एकजुट हो जाता है | ऐसा ही कुछ इस समय देखने को मिल रहा है | व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग जो की भाजपा को समर्थन करता है, वह भी अब लॉकडाउन का विरोध कर रहा है | वहीं भाजपा के लोगों का साफ कहना है अगर आगामी समय में होने वाले चुनाव में बढ़त चाहिए तो इस तालाबंदी के फैसले को वापस लिया जाए वरना 2018 जैसा परिणाम देखने को मिलेगा |
गणगोर माता पर्व पर भी असमंजस – तालाबंदी के फैसले के बाद निमाड़ के महापर्व गणगोर माता के त्योहारों पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है | श्रद्धालुओं का साफ-साफ कहना है कि पिछली बार गणगोर माता का पर्व तालाबंदी की भेंट चढ़ गया था परंतु इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए | अगर 1 साल में भी सरकार अपनी तैयारी में फैल रही है तो इसका ठीकरा त्योहारों पर न फोड़ा जाए |
मिथुन यादव की रिपोर्ट