…..*सब सुंदर सब बिरुज सरीरा*
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*अमेठी उत्तर – प्रदेश 04-10-2022 को विकासखंड गौरीगंज के मऊ गांव में विधायक राकेश प्रताप सिंह के यहां चल रही श्रीराम कथा के अंतिम दिवस मंगलवार को स्वामी प्रणव पुरी महाराज ने रामराज्य की सुंदर बांकी झांकी का चित्रण कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया*
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स्वामी जी ने कथा को आगे बढ़ाते हुए बताया कि लंका विजय के उपरांत भगवान पुष्पक विमान पर चढ़कर अयोध्या के लिए रवाना हुए।वहां नंदीग्राम में भरत जी से भेंट और अयोध्या वासियों से एक क्षण में विविध रूप धारण कर मिले।अयोध्या में उत्सव का माहौल रहा।भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ। रामराज्य का चित्रण करते हुए उन्होंने मानस की चौपाइयों का उद्धरण देते हुए बताया कि दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा
सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती।। रामराज्य में किसी को दैहिक दैविक और भौतिक तकलीफ नहीं थी। सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते थे और वेदों में बताई हुई नीति में तत्पर रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते।चारिउ चरन धर्म जग माहीं। पूरि रहा सपनेहुँ अघ नाहीं।।
राम भगति रत नर अरु नारी। सकल परम गति के अधिकारी।।धर्म अपने चारों चरणों सत्य शौच दया और दान से जगत् में परिपूर्ण हो रहा है। स्वप्न में भी कहीं पाप नहीं है। पुरुष और स्त्री सभी रामभक्ति के परायण हैं और सभी परम गति के अधिकारी हैं।
अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा। सब सुंदर सब बिरुज सरीरा।।नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना। नहिं कोउ अबुध न लच्छन हीना।।छोटी अवस्था में मृत्यु नहीं होती न किसी को कोई पीड़ा होती । सभी के शरीर सुंदर और निरोग। न कोई दरिद्र है न दुःखी है और न दीन ही है। न कोई अज्ञानी है और न शुभ लक्षणों से हीन ही है। रामराज्य का सुंदर चित्रण करते हुए स्वामी जी ने शारदीय नवरात्र के प्रथमा तिथि से श्री राम कथा का प्रारंभ करते हुए आज नवरात्रि को कथा का विश्राम किया।श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से इस ज्ञान गंगा में डुबकी लगाई। कथा के विभिन्न मार्मिक प्रसंगों को सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
*रिपोर्टर*……….
*कुलदीप सिंह*
*जिला ब्यूरो चीफ अमेठी उ०प्र०*
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