Home Breaking news राम द्वारा धनुष भंग देखकर खुशी से झूम उठे दर्शक 

राम द्वारा धनुष भंग देखकर खुशी से झूम उठे दर्शक 

राम द्वारा धनुष भंग देखकर खुशी से झूम उठे दर्शक

क्षेत्र पंचायत एलिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत जार टिकरा के बाबा जागेश्वर नाथ मंदिर के प्रांगण में आयोजित राम लीला कार्य क्रम में आज पांचवें दिन समापन पर कन्या भोज तथा भंडारा आयोजित किया गया कहा जाता है कि ताड़का और सुबाहु के वध के बाद विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को एक गुप्त विद्या बताया जिससे भूख प्यास नहीं लगती और न ही कोई बीमारी हो सकती वह विद्या थी बला, अति,बाला यह एक गुप्त विद्या है। राम और लक्ष्मण को सूर्य नमस्कार व्यायाम योग धनुर्विद्या,में निपुण बनाया । उसके पश्चात राम और लक्ष्मण विश्वामित्र के साथ कैलाश पर्वत की यात्रा पर जा रहे थे रास्ते में एक आश्रम दिखाई दिया।जो बहुत ही अस्त व्यस्त अवस्था में था। राम ने जिज्ञासा वश विश्वामित्र से पूछा लगता है।यह आश्रम का रमणीक स्थान है।

तो मुनिवर ने बताया कि हां बत्स यह गौतम ऋषि का आश्रम है किसी समय में बहुत ही सुन्दर स्थान था।पर किसी ने उनकी पत्नी अहिल्या का सतीत्व नष्ट कर दिया था।उसी से क्रोधित होकर ऋषि गौतम ने अहिल्या को शाप दे दिया था और आश्रम छोड़कर कहीं चले गए।तब माता अहिल्या अपनी सुध बुध खोये अचेत अवस्था में पड़ी रहती है।राम ने गुर से आज्ञा लेकर आश्रम गये और आवाज लगाई माते उठो और आपका पुत्र आपसे मिलना चाहता है राम अहिल्या को दोनों हाथों से पकड़ कर उठाया और कहा अब आप को कोई कष्ट नहीं होगा। अहिल्या का उद्धार करने के बाद विश्वामित्र के साथ जनकपुर राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के विवाह को लेकर एक प्रतियोगिता का आयोजन किया था जो व्यक्ति इस धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा देगा,उसी व्यक्ति के सीता का, विवाह कर दिया जाएगा।जब राम और लक्ष्मण विश्वामित्र के साथ जनकपुर पहुंचे तो राजा बहुत बड़ा स्वागत किया और अलग सिंहासन बनवाया जिस पर राम और लक्ष्मण के साथ विश्विमित्र सिंहासन पर विराजमान थे विश्व के बड़े बड़े बलशाली योद्धा इस धनुष प्रतियोगिता में भाग लेने आए थे। लेकिन कोई भी योद्द्धा,उसकी प्रत्यंचा चढ़ाने,के बजाय धनुष को हिला नहीं सका इस बात राजा जनक बहुत चिंतित हुए और सभा में कहा कि क्या यह धरती वीरों से खाली है। लगता है मेरी पुत्री सीता कुंवारी ही रहेगी राम ने गुरू विश्वामित्र की आज्ञा पाकर धनुष के समीप जाकर उसको करके ज्यों ही उठाया और प्रत्यंचा चढ़ाने के समय धनुष टूट गया।सभा जय श्री राम राम की जय जयकार होने लगी। धनुष टूटने के बाद सीता से विवाह करने का अवसर मिला। लक्ष्मण ने धनुष टूटने कयी कारण बताते हुए को राम को निर्दोष बताया,और, कहा कि धनुष अत्यंत जीर्ण शीर्ण था राम के हाथ लगाने से मात्र टूट गया । राम ने विश्वामित्र गुरु की आज्ञा पाकर धनुष उठाया था और वह टूट गया धनुष टूटने से राम की शक्ति प्रदर्शन का मौका मिला। और इससे यह सिद्ध हो गया कि अब वह धनुष सम्भालने वाले हो गये है। इसके बाद सीता ने राम के गले वरमाला पहनायी। परशुराम आते हैं धनुष टूटा देख कर

बहुत ही क्रोधित होते हैं। और धनुष तोड़ने वाले व्यक्ति को अपना शत्रु बताते हैं इसके जवाब में लक्ष्मण परशुराम पर व्यंग करते हैं जब राम विनम्रता पूर्वक संयम से बात करते हैं तो स्थिति को शान्ति करने का प्रयास करते हैं।यह संवाद व्यंग्यात्मकता विनम्रता और क्रोध के विपरीत स्वभाव को दर्शाता है और अंत में श्रीराम की धर्म परायणता जीत पाती है। परशुराम ने सभी राजाओं को मारने की धमकी दी थी। जिसने धनुष तोड़ा वह मेरा शत्रु है लक्ष्मण व्यंग्यात्मक और उग्रता जवाब देते हैं।वे कहते हैं कि बचपन में बहुत से धनुष तोड़े लेकिन आप में ऐसा क्रोध कभी नहीं देखा।वे परशुराम की प्रसंशा भी व्यंग् का विषय बनाते हैं और कहते हैं कि आप अपने मुंह से अपनी बड़ाई करते हैं। परशुराम का क्रोध शांत करने के लिए राम विनम्रता से परशुराम जी से कहते हैं कि क्रोध का त्याग करें और राम को अपना अनुचर दास स्वीकार करें।वह यह भी कहते हैं कि वे ब्राह्मण पर हाथ नहीं उठाते है और सेवक और प्रभु के बीच युद्ध कैसा परशुराम ने विश्वामित्र से कहा हे विश्वामित्र सुनो यह बालक बड़ा कुबुद्धि और कुटिल है यह सूर्यवंश रूपी पूर्ण कलंक है। और यह बिल्कुल उदंड मूर्ख और निडर है। अभी क्षण भर में यह काल का ग्रास हो जाएगा फिर मुझे दोष न देना विश्वामित्र ने हंस कर कहा परमात्मा हरा ही हरा जाता है अर्थात सर्वत्र त्रिगुण होने के कारण राम लक्ष्मण इस धरा पर अवतरित हुए हैं।तब परशुराम ने अपना धनुष देकर कहा इसकी प्रत्यंचा चढ़ा दो।राम प्रत्यंचा चढ़ा दिया और उसी समय परशुराम वन तपस्या करने चले गए। इस राम लीला कार्य क्रम में सुभाष चन्द्र वर्मा, आयुष वर्मा,वेदनाथ वर्मा, हर्षित वर्मा, अखिलेश वर्मा , कौशल वर्मा, नन्द किशोर वर्मा,(हैदर) आदि सभी ग्रामीणों के सहयोग से पांच दिन का राम लीला कार्य क्रम सम्पन्न हुआ लोगों कहा है कि अब प्रति वर्ष यह बाबा जागेश्वर नाथ मंदिर के प्रांगण में रामलीला का आयोजन हुआ करेगा।

रिपोर्टर

गोकरन प्रसाद ब्यूरो चीफ भारत वन न्यूज चैनल सीतापुर मोबाइल नंबर 7518654968

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