* *इंजीनियर्स डे पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी में भव्य आयोजन; इंडस्ट्री-एकेडमिक संवाद और प्रतियोगिताओं से गूंजा कैंपस*
फोटो- 1 – चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी में इंजीनियर्स डे के अवसर पर ‘इंजीनियर्स प्रतिज्ञा’ लेते छात्र-छात्राएं और फैकल्टी सदस्य।
फोटो-2- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी में इंजीनियर्स डे के अवसर पर आयोजित विशेष सत्र को प्रो. डॉ. निश्चल वर्मा, आईआईटी कानपुर ने संबोधित किया।
फोटो-3- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी में इंजीनियर्स डे के अवसर पर मौजूद छात्र-छात्राएं, गेस्ट व फैकल्टी
भारत की पहली एआई ऑगमेंटेड मल्टीडिसिप्लनरी यूनिवर्सिटी ने छात्रों में जगाई इनोवेशन व क्रिएटिविटी की अलख, विशेषज्ञों ने रखे विचार
पैनल डिस्कशन में हुआ इंजीनियरिंग, एआई इनोवेशन और युवाओं की स्किल्स पर मंथन; टीसीएस, पीडब्ल्यूसी और लखनऊ यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ रहे शामिल
इंजीनियर्स और एआई, असली सोसाइटी बिल्डर्स – आलोक अग्रवाल, टेक्निकल डायरेक्टर, पीटीसी इंडस्ट्रीज
एआई को टूल बनाकर इंजीनियर तय करेंगे भविष्य की दिशा — जोगिंदर सिंह, सीनियर डिप्टी जनरल मैनेजर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
आज का एआई स्मार्ट है, कल का एआई संवेदनशील भी होगा — प्रो. डॉ. निश्चल वर्मा, आईआईटी, कानपुर
उन्नाव, 15 सितम्बर 2025: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश—भारत की पहली एआई-ऑग्मेंटेड मल्टीडिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी—ने इंजीनियर्स डे को उत्साहपूर्वक मनाया। इस अवसर पर कई सत्र आयोजित हुए जिनमें इंडस्ट्री-एकेडमिक संवाद और विविध रोचक प्रतियोगिताएँ शामिल थीं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों में इनोवेशन और क्रिएटिविटी की भावना को प्रोत्साहित करना रहा। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद प्रो. डॉ. अजय प्रसाद, डीन, इंजीनियरिंग फैकल्टी, ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रो. डॉ. निश्चल वर्मा, आईआईटी, कानपुर ने इंजीनियरिंग के बदलते स्वरूप और एआई के युग में नए अवसरों पर अपने विचार साझा किए। वहीं आलोक अग्रवाल, टेक्निकल डायरेक्टर, पीटीसी इंडस्ट्रीज़, ने कहा कि भविष्य के इंजीनियर्स को तैयार करने के लिए बेहतर इंडस्ट्री-एकेडमिक पार्टनरशिप अत्यंत आवश्यक है। इस दौरान छात्रों को इंजीनियर्स प्रतिज्ञा दिलाई गई, जिसमें उन्होंने नैतिक आचरण और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से आयोजित पैनल डिस्कशन में डॉ. पुनीत मिश्रा, हेड सीएसई, लखनऊ यूनिवर्सिटी, नीरज कुमार, टेक्नोलॉजी हेड, एआई एंड क्लाउड, टीसीएस, और विवेक त्रिपाठी, एसोसिएट डायरेक्टर पीडब्ल्यूसी शामिल हुए।
इस पैनल डिस्कशन में कहा गया कि 2047 अमृत काल की यात्रा में इंजीनियरिंग की भूमिका बेहद अहम होगी और एआई इसमें निश्चित रूप से महत्वपूर्ण योगदान देगा। खासतौर पर हेल्थकेयर और ग्रामीण-शहरी अंतर को कम करने में इसका बड़ा रोल रहेगा।
टेक्नोलॉजी ने हमारी ज़िंदगी बदल दी है, और जब एआई व टेक्नोलॉजी एक साथ आते हैं तो यह और भी सशक्त हो जाते हैं। लेकिन नई पीढ़ी केवल नौकरियों की ओर आकर्षित है, जबकि असली ज़रूरत इनोवेशन की है। इनोवेशन समय लेता है, और इंजीनियर्स की असली पहचान यही है कि वे पहले समस्या को पहचानते हैं और फिर उसका समाधान निकालते हैं।
इसीलिए ज़रूरी है कि इंजीनियर्स सोचें, प्रयोग करें और इनोवेशन पर ध्यान दें। आज हमारे पास ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएँ मौजूद हैं, जिनका उपयोग कर एआई के ज़रिए हम अपनी इनोवेशन क्षमता को और आगे बढ़ा सकते हैं।
इस अवसर पर ‘एआई फॉर इंडिया’ हैकाथॉन, पोस्टर, क्विज़ और डिबेट जैसी गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। इन कार्यक्रमों ने यूनिवर्सिटी में प्रैक्टिकल लर्निंग, समस्या समाधान और उद्यमिता पर जोर देने की प्रतिबद्धता को दर्शाया। इसके साथ ही, विभिन्न स्कूलों के छात्रों को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी में स्थित एआई एरिना में ले जाकर उन्हें नई टेक्नोलॉजी और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. डॉ. निश्चल वर्मा, आईआईटी, कानपुर, डॉ. पुनीत मिश्रा, हेड सीएसई, लखनऊ यूनिवर्सिटी, नीरज कुमार, टेक्नोलॉजी हेड, एआई एंड क्लाउड, टीसीएस, और विवेक त्रिपाठी, एसोसिएट डायरेक्टर पीडब्ल्यूसी, आलोक अग्रवाल, टेक्निकल डायरेक्टर, पीटीसी इंडस्ट्रीज, जोगिंदर सिंह, सीनियर डिप्टी जनरल मैनेजर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड व रजिस्ट्रार डॉ. अजय यादव समेत छात्र – छात्राएं मौजूद रहे
इंजीनियर्स और एआई, भविष्य के असली सोसाइटी बिल्डर्स – आलोक अग्रवाल, टेक्निकल डायरेक्टर, पीटीसी इंडस्ट्रीज
इस अवसर पर आलोक अग्रवाल, टेक्निकल डायरेक्टर, पीटीसी इंडस्ट्रीज ने कहा की मानवता इस समय एक बड़े बदलाव के दौर से गुज़र रही है। इस परिवर्तन के दो अहम स्तंभ हैं, एक ओर शक्तिशाली फोर्सेज़ और दूसरी ओर इंजीनियर्स तथा एआई का संगम। निस्संदेह, इंजीनियर्स ही वास्तविक सोसाइटी बिल्डर्स हैं।
21वीं सदी की चुनौतियाँ पहले से बिल्कुल अलग हैं और इन्हीं चुनौतियों के बीच इंडस्ट्री 4.0 का आगाज़ हो चुका है। एआई अब हमारी ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा है, और यह प्रगति केवल इंजीनियर्स की मेहनत से ही संभव हुई है। आज एआई और इंजीनियर्स मिलकर नए आयाम और संभावनाएँ गढ़ रहे हैं।
यह समय मशीन बनाम इंसान का नहीं, बल्कि इंसान और मशीन के सहयोग का है। लेकिन यह भी ज़रूरी है कि इंजीनियर्स एआई का उपयोग हमेशा एथिकल तरीके से करें, क्योंकि एआई मानव मूल्यों को नहीं समझ सकता। आने वाला भविष्य ऐसा हो सकता है जहाँ फैक्ट्रियाँ बिना वेस्ट के चलें और शहर अपनी ऊर्जा से प्रदूषण को स्वयं अवशोषित कर लें। यही है इंडस्ट्री 4.0 की असली ताक़त, एक ऐसा भविष्य जहाँ तकनीक और मानवता साथ-साथ आगे बढ़ें।
वहीं चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी और इंडस्ट्री के संगम पर बोलते हुए उन्होंने कहा की मैं चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश के प्रयासों की सराहना करता हूँ कि उन्होंने अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत से पहले ही कई टॉप इंडस्ट्रीज़ के साथ एमओयू किए हैं। यह कदम वाकई भविष्य के इंजीनियर्स को इंडस्ट्री-रेडी बनाने की दिशा में एक मज़बूत पहल है।
आज का एआई स्मार्ट है, कल का एआई संवेदनशील भी होगा — प्रो. डॉ. निश्चल वर्मा, प्रोफेसर, आईआईटी, कानपुर
इस अवसर पर प्रो. डॉ. निश्चल वर्मा, आईआईटी, कानपुर ने कहा की इंजीनियर्स हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। इंडस्ट्री रेवॉल्यूशन के इस चरण में एआई अहम भूमिका निभा रहा है, लेकिन इसमें अभी भी विज़डम की कमी है। फिर भी, हम यह आशा कर सकते हैं कि आने वाले चरण में एआई न केवल तकनीकी दृष्टि से और आगे बढ़ेगा, बल्कि मानवता के मूल्यों को भी समझने लगेगा।
एआई स्मार्ट है, लेकिन दिशा सिर्फ़ इंजीनियर्स ही दे सकते हैं – जोगिंदर सिंह, सीनियर डिप्टी जनरल मैनेजर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
इंजीनियर्स डे की शुभकामनाएँ देते हुए जोगिंदर सिंह, सीनियर डिप्टी जनरल मैनेजर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने कहा कि इंजीनियर्स समाज का अहम हिस्सा हैं, जो एआई के साथ मिलकर बदलाव ला रहे हैं। एआई केवल एक टूल है, उसमें अपनी समझ या विज़डम नहीं होती। असली विज़डम इंजीनियर्स को ही उसमें डालनी होती है। हमें एआई के गुलाम नहीं बनना, बल्कि इसे एक टूल की तरह उपयोग करना है। वहीं चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी के शैक्षणिक प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे छात्रों को बड़ा लाभ मिलेगा। यहाँ का कैंपस इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी दोनों ही बेहद एक्सिलेंट हैं।
इंजीनियर्स डे की शुभकामनाएँ देते हुए रजिस्ट्रार डॉ. अजय यादव ने कहा कि विकसित भारत 2047 का संकल्प तभी पूरा होगा जब हमारे पास इनोवेटर्स होंगे। जिस तरह संयुक्त राष्ट्र ने सस्टेनेबिलिटी गोल्स निर्धारित किए हैं, वे भी इंजीनियर्स के बिना पूरे नहीं हो सकते। असली इनोवेटर्स वही हैं, जो इंजीनियर्स के रूप में समाज को आगे बढ़ा रहे हैं। सीयू उत्तर प्रदेश का विज़न है फ्यूचर-रेडी इंजीनियर्स तैयार करना जो इंटरडिसिप्लिनरी नॉलेज, एआई स्किल्स और ग्लोबल एक्सपोज़र के साथ आगे बढ़ें। इंजीनियर्स डे का यह आयोजन यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक उत्कृष्टता, इंडस्ट्री से जुड़ाव और सामाजिक ज़िम्मेदारी को दर्शाता है।
रिपोर्ट सर्वेश खान