सीतापुर
दीवार में क्यों चुनवाया साहब जादो को
वाहे गुरु जी दा का खालसा,वाहे गुरू जी दी फतेह।देश धर्म और सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु उनके बलिदान दिवस वीर बाल दिवस पर तेंदुवा गुरु द्वारा क्षेत्र पंचायत पिसावां में संगत में सम्मिलित होते माननीय विधायक शशांक त्रिवेदी ने बीर बाल दिवस के प्रकाश डालते हुए कहा कि वाहे गुरू जी दा का खालसा वाहेगुरु जी दी फतेह देश की देश धर्म और सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु उनके बलिदान दिवस वीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) के सबसे बड़े साहब जादा अजीतसिंह का जन्म २६जनवरी,१६८७मेहुआ,था साहिब जादा जुझारू सिंह का जन्म १४मार्च१६९१को, हुआ था उन्होंने १४, वर्ष की उम्र में बीर गति को प्राप्त हुए थे यह गुरू गोविन्द सिंह जी दूसरे बड़े बेटे थे।, साहिब जादा जोरा वर सिंह का जन्म १७नवम्बर,१६९६ई, हुआ था वह गुरु गोविंद सिंह जी के तीसरे पुत्र थे उन्होंने ०६वर्ष,की उम्र में वीर गति को प्राप्त कर लिया था साहिब जादा फतेह सिंह का जन्म १६९९ई,को हुआ था यह गुरू गोविन्द सिंह जी के चौथे पुत्र थे।,देश धर्म के खातिर सरहिंद की लड़ाई में शहीद हुए और बीर गति को प्राप्त किया।,
इन चारों पुत्रों ने अपने पिता की तरह ही बीरता और बलिदान की परम्परा को आगे बढ़ाया।उनकी बीर गति को आज भी सिख समुदाय में बहुत ही सम्मान के साथ याद किया जाता है २६दिसम्बर,को बीर बालक दिवस के रूप में मनाया जाता है इन चारों युवा साहिब जादो का सर्वोच्च बलिदान इतिहास में अद्वितीय है और अनन्त काल तक आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा बीर बलिदानी बालकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हर साल २६दिसम्बर,को मनाया जाता है भारत में मुगल शासकों के निरंतर बढ़ते आक्रमणों देश और धर्म बचाने के लिए सन् १६९९, में बैशाखी के दिन एक सभा बुलाई जिसको सम्बोधित करते हुए उन्होंने ने अपने हाथ में नंगी तलवार लेकर प्रश्न किया है कोई जो देश और धर्म के लिए प्राण दे सके उनकी इस प्रेरणा दायक ललकार को सुनकर बारी बारी से दयाराम खत्री लोहार ।
धर्मदास जाट दिल्ली मोहकम चन्द्र धोबी (द्वारिका) हिम्मत सिंह रसोइया (जगन्नाथ पुरी) साहिब चन्द्र नाई बिहार आगे आए फिर क्या था सारा निस्तेज समाज उर्जावान होकर उठ खड़ा हुआ उन्होंने यहां पर जात पात से बिखरे हिन्दू समाज को संगठित कर खालसा के रूप में खड़ा किया इस प्रकार १३अप्रैल,१६९९को, खालसा पन्थ की स्थापना हुई थी।, खालसा का अर्थ है खालिस अर्थात शुद्ध इसके लक्षण पूछने पर,दशमेश गुरु ने बताया खालसा वह है जिसमें काम क्रोध लोभ मोह अहंकार पर काबू पा लिया है तथा अभिमान पर स्त्री गमन पर निन्दा मिथ्या विश्वासों के भ्रम जाल से दूर रहता हो जो दीन दुखियों की सेवा तथा दुष्टो का विनाश करता हो प्रभु के नाम, के जाप,में तल्लीन रहता हो खालसा को जवान और पराक्रमी बनाए रखने के लिए उन्होंने पंच ककार,धारण, करने के लिए कहा कृपाण,केश,कंघा,कच्छा,कड़ा,पौष शुक्ल सप्तमी को पटना साहिब प्रकट हुए समाज के सभी लोगों को गुरू गोविन्द सिंह के परिवार व बलिदानी लोगों से प्रेरणा लेकर देश धर्म के लिए समाज में आगे बढ़ कर कार्य करना चाहिए।
रिपोर्टर
गोकरन प्रसाद ब्यूरो चीफ सीतापुर मोबाइल नंबर ७५६५४९६८