26 नवम्बर 1949 को सामने आया संविधान का वर्तमान स्वरूप:
लेखक गोकरन प्रसाद ब्यूरो चीफ सीतापुर मो 7518654967
26नवम्बर 1949 के दिन आजाद भारत के इतिहास का बड़ा ऐतिहासिक दिन था इसी दिन संविधान बनकर पूरा हुआ और उसे अपनाया गया इसी दिन की याद मै हर साल 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
कैसे बना संविधान:-
आप सभी जानते है। 26 जनवरी 1930 को संविधान लागू किया गया इस तिथि को भारत ने पहला गणतंत्र दिवस मनाया था
संविधान सभा का गठन वर्ष 1946 मैं कवीनेट मिशन प्लान के तहत संविधान सभा का गठन किया गया डॉ राजेंद्र प्रसाद को इसका सभापति और डॉ भीमराव अंबेडकर को प्रारूप समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए 13 समितियों का गठन किया गया। शुरू में संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे। प्रांविसेज के 292 और राज्यों के 93 प्रतिनिधि। इनके अलावा चीफ कमिश्नर प्रविसेज के तीन और बलूचिस्तान के एक प्रतिनिधि शामिल थे।बाद में मुस्लिम लोग ने खुद को इससे अलग कर लिया था। जनवरी 1948 में भारत के संविधान का पहला प्रारूप चर्चा के लिए प्रस्तुत किया गया। 4 नवंबर 1948 को चर्चा शुरू हुई और 32 दिनों तक चली। इस अवधि के दौरान 7,635 संशोधन प्रस्तावित किए गए जिनमें से 2,473 पर विस्तार से चर्चा हुई। 2 साल, 11 महीने व 18 दिनों तक संविधान सभा की बैठक हुई और संविधान को अंतिम रूप दिया गया। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने भारत के संविधान पर हस्ताक्षर किया। हस्ताक्षर करने वालों में 15 महिला सदस्य भी शामिल हुई थी। इस तरह, 26 नवंबर 1949 को इस संविधान को अंगीकार किया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू। भारतीय संविधान अपने आप में अनूठा है।दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान होने के साथ ही ऐसी कई बातें हैं जो आपको रोमांचित करने के साथ गर्व से भी भर देगी दो भाषाओं में संविधान की मूल कमियां भारतीय संविधान वास्तविक रूप में हिंदी और अंग्रेजी में लिखा गया 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने संसद के सेंट्रल हॉल में दोनों प्रतियों पर हस्ताक्षर किए इस हाल को उस वक्त कॉन्स्टिट्यूशन हाल के नाम से जाना जाता था। हस्तलिखित मूल प्रशन: हिंदी और अंग्रेजी की दोनों मूल हस्तलिखित भी है। इस तरह से यह दुनिया का सबसे बड़ा हस्तलिखित संविधान भी है। प्रेम बिहारी नारायण राजेंद्र ने लिखित किया संविधान: संविधान को लिपिद्ध करने का सौभाग्य मिला प्रेम बिहारी नारायण राज यादव को उन्होंने होल्डर निब की सहायता से इटैलिक स्टाइल में कैलीग्राफी के साथ संविधान को लिखा यह देहरादून में छापा और सर्वे आफ इंडिया ने फोटोग्राफ किया। संविधान की मूल प्रति को शांति निकेतन के कलाकारों ने आचार्य नंदलाल बोस के निर्देशन में सजाया था। वह महात्मा गांधी के काफी निकट थे। प्रस्तावना के पृष्ठ को भी राम मनोहर सिंह ने बनाया था। संविधान की हिंदी और अंग्रेजी में लिखी मूल प्रतियां संसद के पुस्तकालय में रखी गई हैं। इन प्रतियों को हीलियम से भरे पात्रों में रखा गया है। संविधान के पहले ड्राफ्ट में 2000 संशोधन: संविधान के पहले ड्राफ्ट के तैयार होने के बाद इस पर बहस हुई और करीब 2000 संशोधन के बाद मूल संविधान सामने आया। संविधान सभा के कुल 1170 हुए आखिरी सत्र 14 से 26 नवंबर 1949 तक चला 26 नवंबर को इसका फाइनल ड्राफ्ट तैयार हुआ। संविधान की मूल प्रतियों में हमारे पौराणिक और धार्मिक पात्रों को भी उकेरा गया है भगवान राम कृष्ण और शिव को चित्रित किया गया है। इसके साथ ही उपदेश देते भगवान बुद्ध को भी शामिल किया गया है। संविधान निर्माण में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन लगे प्रारूप पर 114 दिन बहस हुई। कुछ अनुच्छेदों को 26 नवंबर 1949 को लागू किया गया। 26 जनवरी 1950 को या पूरी तरह लागू हुआ क्योंकि 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की थी। संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई। इसी दिन डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को पहला राष्ट्रपति चुना गया।