*News—Assinghment Desk & Web team*
*Place—Sultanpur*
*Date—29-08-22*
*Report–Santosh Pandey*
*Mobile—9415046186*
*Slug—पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में भ्रष्टाचार का मामला उजागर यूपीडा के अतिरिक्त नोडल अधिकारी के नाम से हुआ है बैनामा,जमीन में भी हुई है हेराफेरी
*Anchor:–* खबर सुल्तानपुर से हैं जहां पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में जमीन विनिमय मामले में दलालों ने लम्बा खेल खेला। साथ ही अधिकारियों ने अपने कमाऊ पूत दलालों को भी नियम कानून को धता बताते हुए लाभ पहुंचाने में कोई कसर नही छोड़ी। मामला बल्दीराय तहसील के जरई कला गांव से जुड़ा हुआ है।
*बल्दीराय तहसील का मामला*
*VO-1-* बताते चलें कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में बल्दीराय तहसील के जरई कला गांव की कुम्हारी कला, खलिहान,धोबी घाट,तालाब खाते की आरक्षित सरकारी खाते की जमीन के बदले किसानों से सर्किल रेट के चार गुना पर जमीन लेकर सरकार ने खरीदारी की। आज जरई कला के पवनेश दूबे दलाली करने के आरोप में तो फिलहाल जेल में बंद है लेकिन अधिकारियों की नजरे इनायत पवनेश दूबे के ऊपर जरूर रही। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में किसानों की जमीन का अप्रैल 2016 से बैनामा शुरू हो गया था।
*ऐसे हुआ पूर्वांचल एक्सप्रेस वे मे जमीन का खेल*
*VO-2-* तो वहीं पूर्वांचल एक्सप्रेस वे मे जमीन विनिमय का खेल शुरू हुआ तो जरई कला के राजेश कुमार दूबे से गाटा संख्या 2191 रकबा 343 एयर में से 202 एयर का बैनामा पवनेश दूबे ने अपनी माता गीता देवी के नाम 9 अप्रैल 2018 को आठ लाख में कराया और हाशिया गवाह पवनेश व इनके सहयोगी जो विनिमय मामले के दो मुकदमों में नामजद हैं सौरभ उपाध्याय हलियापुर है। इसी गाटा के शेष अंश 141 एयर में से 139 एयर का बैनामा आशा देवी पत्नी प्रेम नारायण सिंह जरई कला ने 23 जुलाई 2018 को 6 लाख में लिखाया जिसमे गवाह पवनेश दूबे हैं और सवा साल बाद ही गीता देवी ने 101 एयर व आशा देवी ने 141 एयर 31 अगस्त 2019 को जमीन विनिमय के तहत यूपीडा के अतिरिक्त नोडल अधिकारी अनुपम शुक्ला के नाम से बैनामा हुआ।
*VO-3-* साथ ही साथ इस बैनामे में एक त्रुटि और हुई कि आशा सिंह ने 139 एयर जमीन खरीदी थी और बेची 141 एयर। दो एयर की इसमे भी हेराफेरी हुई। इसी प्रकार गीता देवी ने चार लाख के बदले 18 लाख 18 हजार में बेचकर 14 लाख 18 हजार का लाभ लिया तो आशा सिंह ने 6 लाख में खरीद कर 25 लाख 38 हजार में बेचकर 19 लाख 38 हजार कमाए। इस प्रकार अधिकारियों द्वारा परोक्ष अपरोक्ष रूप से इन दलालों को भी लाभ पहुंचाया गया जो नियम विरुद्ध था।
*लखनऊ में भी ऐसा ही हुआ था फर्जीवाड़ा*
*VO-4-* अवगत कराते चलें की जबकि ऐसे ही एक मामले में लखनऊ एक्सप्रेस वे निर्माण प्रक्रिया शुरू होने के पूर्व वर्ष2013-14 में आगरा में जिलाधिकारी रहे जुहैर बिन सगीर ने अपनी मौसेरी बहिन खालिदा के नाम फतेहाबाद के दो गांव मे जमीन खरीदी व उसी के बाद एक्सप्रेस वे में चली गई। जिसमे अपरोक्ष रूप से लाभ लेने की शिकायत 2017 में हुई। सतर्कता अधिष्ठान, विजिलेंस जांच में दोषी पाए जाने पर जिलाधिकारी के खिलाफ 17 जुलाई 2018 को फतेहाबाद में प्राथमिकी दर्ज की गई व मुरादाबाद में भी दर्ज की गई थी। आगरा के मामले में तो प्रक्रिया शुरू होने के पूर्व जमीन लेने पर जिलाधिकारी को दोषी पाया गया और यहां प्रक्रिया शुरू होने के दो वर्ष बाद हुए खेल में केवल निचले स्तर के लोग ही जेल की हवा खा रहे है। बैनामे के समय खतौनी लगती है उसमें सारे आदेश अंकित है फिर भी उसकी अनदेखी की गई। तत्कालीन ग्रामप्रधान अकंचनलता सिंह ने भी उस समय इसकी शिकायत अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक की थी फिर भी इसको नजर अंदाज कर कमाई की गई।
*सुलतानपुर से सन्तोष पाण्डेय की रिपोर्ट*