*ब्रेकिंग*
*सुल्तानपुर*
*05/07/2025*
*राम भुवाल सांसद के कारनामों से गूंजा सुल्तानपुर, बंदूक मृत व्यक्ति का लेकर चल रहे थे सांसद महोदय!*
*यह मामला उत्तर प्रदेश की राजनीति और कानून व्यवस्था दोनों के लिहाज़ से काफी गंभीर और संवेदनशील बन गया है, क्योंकि इसमें सीधे सुल्तानपुर से सपा सांसद रामभुवाल निषाद का नाम सामने आया है।*
*पूरा मामला क्या है*
*रामभुवाल निषाद,जो कि गोरखपुर के मूल निवासी हैं और हाल ही में सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने हैं, उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक शस्त्र (दोनाली बंदूक) का लाइसेंस प्राप्त किया और उसका गैरकानूनी तरीके से उपयोग भी किया।*
*आरोपों का आधार*
*यह दोनाली बारह बोर की बंदूक वर्ष 1996 में बेचू यादव नामक व्यक्ति के नाम से लाइसेंसधारी थी।*
*बेचू यादव, जो कि मुंडेरा बाबू (थाना बड़हलगंज, गोरखपुर) का निवासी था, उसकी मृत्यु हो चुकी है।*
*बावजूद इसके, सांसद रामभुवाल निषाद कथित तौर पर उसी मृत व्यक्ति के नाम पर जारी बंदूक का प्रयोग करते रहे।*
*शिकायत कैसे और कब हुई*
*जनवरी 2020 में जिलाधिकारी गोरखपुर के शस्त्र विभाग के लिपिक सुनील गुप्त ने इस मामले की शिकायत बड़हलगंज थाने में दर्ज कराई।*
*इसके बाद पुलिस ने विवेचना (जांच) शुरू की और साक्ष्य एकत्र किए।*
*न्यायालय में कार्रवाई*
*पुलिस ने जांच के बाद सांसद के खिलाफ आरोप पत्र (चार्जशीट) न्यायालय में दाखिल कर दिया।*
*सुनवाई के लिए न्यायालय द्वारा कई बार नोटिस और समन भेजे गए, लेकिन रामभुवाल निषाद उपस्थित नहीं हुए।*
*गैर-जमानती वारंट*
*सांसद की अनुपस्थिति को गंभीर मानते हुए गोरखपुर के एसीजेएम (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) ज्ञानेंद्र कुमार ने गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिया है।*
*उन्होंने गोरखपुर के एसएसपी को आदेश दिया है कि आरोपी सांसद को अदालत में पेश किया जाए।*
*इस मामले के प्रभाव*
*1. कानूनी रूप से*
*यह मामला आर्म्स एक्ट, फर्जी दस्तावेजों के उपयोग, और शासकीय व्यवस्था की अवहेलना से जुड़ा है, जिससे सांसद की सांसदी पर भी संकट आ सकता है यदि आरोप सिद्ध होते हैं।*
*2. राजनीतिक रूप से मेनका गांधी जैसी बड़ी नेता को हराने वाले सपा सांसद की यह स्थिति राजनीतिक दल और विपक्ष दोनों के लिए बहस का मुद्दा बन सकती है।*
*3. प्रशासनिक दृष्टिकोण से शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया में लापरवाही, जांच एजेंसियों की धीमी गति और एक सांसद द्वारा मृत व्यक्ति के नाम पर हथियार इस्तेमाल करना, प्रशासन की जवाबदेही पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।*
*निष्कर्ष*
*रामभुवाल निषाद के खिलाफ यह मामला अब सिर्फ आरोप नहीं रहा, बल्कि चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और गिरफ्तारी की कार्यवाही प्रारंभ हो गई है। अब देखना यह होगा कि क्या वे न्यायालय में पेश होकर कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हैं, या इस पर कोई राजनीतिक मोड़ आता है।*
*यह मामला आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल ला सकता है।*
*सुल्तानपुर से सन्तोष पाण्डेय की रिपोर्ट!*