लेखक गोकरन प्रसाद भारत और न्यूज़ चैनल ब्यूरो चीफ सीतापुर मोबाइल नंबर 7518 6549 68
कल्याण सिंह पर विशेष
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी सन 1932 को हुआ था तथा उनकी मृत्यु 21 अगस्त 2021 में हुई थी। कल्याण सिंह विधानसभा सदस्य 10 बार रहे 1977 से 79 तक स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार में रहे 1980 में भाजपा प्रदेश के महामंत्री 1987 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष 24 जून 1991 से 6 दिसंबर 1992 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश (पहली बार)1994 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष 1997 में नेता विरोधी दल विधानसभा और 21 सितंबर 97 से 11 नंबर 1999 तक मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश (दूसरी बार) 2004 से 2009 तक सदस्य लोकसभा 2009 से 14 सदस्य (15वीं) लोकसभा 1 मार्च 2014 को सदस्य से त्यागपत्र 4 दिसंबर 4 सितंबर 2014 से 8 सितंबर 1900 2019 राज्यपाल राजस्थान 28 जनवरी 2015 से 12 अगस्त 2015 राज्यपाल हिमाचल प्रदेश अतिरिक्त प्रभार।
राम भक्त कल्याण सिंह ने कहा मुझे अपने फैसले पर गर्व है मैंने लाखों राम भक्तों की जान बचाई मेरे माथे पर एक भी राम भक्त की हत्या का कलाम का नहीं है इतिहासकार के यह भी लिखेंगे की राम मंदिर निर्माण की भूमिका 6 दिसंबर 1992 को ही बना रहे थे मुझे लगता है नागरिकता न्यायालय से मंदिर को जमीन देने का निर्णय भी शायद ना हो पता वैसे भी किसी के प्रति श्रद्धा और समर्पण हो तो उसके लिए कोई भी बलिदान सट्टा होता है गोली चलवा देता तो जरूर मलाल होता। इतिहास रच कर आखिरकार पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की इतिहास हो गए यह कल्याण सिंह इन्होंने संपर्क 6 दिसंबर 1992 को एक फैसले से लोक और राम भक्तों की पूरा होने का रास्ता खोल दिया लेकिन उनकी इच्छा पूरी ना हो सके मंदिर के संन्यास से आनंदित पूर्व मंत्री राम मंदिर बना देखना चाहते थे मंदिर जाकर ले दे रहा है लेकिन वक्त से पहले न्यू का प्रस्तर पत्थर गया राम जन्मभूमि के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 5 अगस्त 2020 को प्रधान मंत्री लेखक गोकरन प्रसाद भारत और न्यूज़ चैनल ब्यूरो चीफ सीतापुर मोबाइल नंबर 7518 6549 68
कल्याण सिंह पर विशेष
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी सन 1932 को हुआ था तथा उनकी मृत्यु 21 अगस्त 2021 में हुई थी। कल्याण सिंह विधानसभा सदस्य 10 बार रहे 1977 से 79 तक स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार में रहे 1980 में भाजपा प्रदेश के महामंत्री 1987 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष 24 जून 1991 से 6 दिसंबर 1992 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश (पहली बार)1994 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष 1997 में नेता विरोधी दल विधानसभा और 21 सितंबर 97 से 11 नंबर 1999 तक मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश (दूसरी बार) 2004 से 2009 तक सदस्य लोकसभा 2009 से 14 सदस्य (15वीं) लोकसभा 1 मार्च 2014 को सदस्य से त्यागपत्र 4 दिसंबर 4 सितंबर 2014 से 8 सितंबर 1900 2019 राज्यपाल राजस्थान 28 जनवरी 2015 से 12 अगस्त 2015 राज्यपाल हिमाचल प्रदेश अतिरिक्त प्रभार।
राम भक्त कल्याण सिंह ने कहा मुझे अपने फैसले पर गर्व है मैंने लाखों राम भक्तों की जान बचाई मेरे माथे पर एक भी राम भक्त की हत्या का कलाम का नहीं है इतिहासकार के यह भी लिखेंगे की राम मंदिर निर्माण की भूमिका 6 दिसंबर 1992 को ही बना रहे थे मुझे लगता है नागरिकता न्यायालय से मंदिर को जमीन देने का निर्णय भी शायद ना हो पता वैसे भी किसी के प्रति श्रद्धा और समर्पण हो तो उसके लिए कोई भी बलिदान सट्टा होता है गोली चलवा देता तो जरूर मलाल होता। इतिहास रच कर आखिरकार पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की इतिहास हो गए यह कल्याण सिंह इन्होंने संपर्क 6 दिसंबर 1992 को एक फैसले से लोक और राम भक्तों की पूरा होने का रास्ता खोल दिया नरेंद्र मोदी मंदिर के भूमि पूजन के लिए अयोध्या आने वाले थे देने साधन को जागरण को दिए गए साक्षात्कार में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वी राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने सिर्फ खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त की बल्कि स्पष्ट वादिकता के साथ साथ कई अनुच्छेद पहले किए थे और बीमारी से शरीर भी कमजोर भूमि पूजन में शामिल होना चाहते थे। यह देकर बात है कि करोड़ों संक्रमण के खतरे के चलते उन्हें न जाने की सलाह दी गई और उन्होंने अपने लखनऊ स्थित आवास पर ही 5 अगस्त को दीपावली मनाई हाला कि जब उसे मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद भावनाएं पूरी तो बोले थे श्रीराम देश के करोड़ों लोग की अवस्था है बिना में उन्हें करोड़ों लोग में ऐसे एक हूं मेरे दिल की आकांक्षा थी की भव्य राम मंदिर बन जाए अब विश्वास है कि यह बनने जा रहा है अब मैं चैन से बड़ी शांति से मृत्यु का वर्णन कर सकता हूं हां या अच्छा और है कि मेरे जीवन काल में भव्य राम मंदिर बनकर पूरा हो जाए दर असल कल्याण सिंह वह व्यक्ति हैं जिन्हें राम मंदिर आंदोलन के स्रोत डर में सबसे प्रमुख स्थान दिया जा सकता है 6 दिसंबर 1992 को जब हजारों कर सेवक विवादित ढांचा होने के लिए अयोध्या पहुंचे गए थे पहुंच गए थे तब बटर बटर मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने पुलिस प्रशासन के बार-बार कहने पर भी कर सेवकों पर गोली चलाने की अनुमति नहीं दी और ढांचा विधानसभा होते हैं इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए शाम को राजभवन पहुंच गए पहुंचकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था उसे मामले में पूरी पूरी प्रदेश सरकार बर्खास्त कर दी गई थी ढांचामामले को लेकर मुकदमा चला रहा जिसमेंसट्टा तत्कालीन मुख्यमंत्री होने के नाते कल्याण सिंह भी आरोपित थे लेकिन उन्होंने अपने फैसले पर कभी मलाल नहीं रहा।
सीएम बनते ही मंदिर निर्माण की शपथ
सीबीआई में दायर आरोप पत्र के मुताबिक मुख्यमंत्री बनने के ठीक बाद कल्याण सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर निर्माण की शपथ ली सरकार के कार्यालय का कार्यकाल को एक भी नहीं गुजरा था कि 6 दिसंबर 192 को अयोध्या में कार्य सेवकों ने विवादित ढांचा गिरा दिया इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को जिम्मेदारी माना गया उन्होंने इसके नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अच्छा दिसंबर 1992 को ही मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया दूसरे दिन केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर दिया।
रामलला के अन्य अनुरागियों का जिक्र आने पर जो निंदा चुनिंदा चेहरे जेहन में कौधते हैं उनमें से
एक कल्याण सिंह का है मंदिर आंदोलन तो भी और संतों के संयोजन में चल रहा था किंतु आंदोलन आगे बढ़ाने के साथ इसे स राजनीतिक स्पर्श भी मिलना मिल रहा था राजनीति को में यदि एक धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मंदिर मुद्दे का अछूतकरार दे रही थी तो एक धारा राष्ट्रीय आस्था का प्रश्न बताकर राम मंदिर के प्रति स्वयं को इस पर समपर समाप्त करने में कई कोई कसर नहीं छोड़ रही थी कल्याण सिंह मंदिर के प्रति संपर्क के इस अभियान का नेतृत्व कर रहे थे और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की हैसियत से अयोध्या जाकर आंदोलन में शामिल राम भक्तों का मनोबल बढ़ाया करते थे। 2 नवंबर 1990 की कार सेवा के दौरान डेढ़ दर्जन से अधिक कारसेवाओं की मौत के बाद राम भक्तों को ढांढस बांधते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि निकट भविष्य में ऐसी सरकार आने वाली है जो वर्ष पुष्प वर्षा कर राम भक्तों का अभिनंदन करेगी।????????????????????????