*लोकेशन ककरबई झांसी*
*रिपोर्टर धर्मजीत यादव*
*कस्बा ककरवई मैं राम राजा मंदिर के प्रांगण में चल रही साप्ताहिक श्रीमद् भागवत महापुराण आज सुदामा चरित्र की कथा के साथ समापन हुई*
ककरवई झांसी कस्बा ककरवई मैं रामराजा मंदिर प्रांगण में चल रही संगीतमय साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ का भगवान श्री कृष्णा और उनके बाल सखा सुदामा की मित्रता सुदामा चरित्र एवं परीछतमोक्ष की कथा से कथा का समापन हुआ। कथा व्यास सीताशरणउपाध्याय अयोध्या ने कथा के अंतिम दिन की कथा सुनाते हुए कहा कि सच्चा मित्र वही है जो मित्र के सुख में और दुख में कभी साथ ना छोड़े। जिस तरहभगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र गरीब दीन हीन सुदामा जिनके तन के वस्त्र तक फटे हुए थे पैरों की बिवाइयां फटी हुई थी। उनको गले से लगाया सुदामा की दशा देख भगवान श्री कृष्ण ने प्रेम के आंसुओं से उनके पैर धोऐ तथा पूछा कि मित्र तुम इतने दिन कहां रहे उन्हें सिंहासन पर बिठाया। भगवान ने उन्हें बिना मांगे ही सब कुछ दे दिया।भगवान ने अपने चरित्र से लोगों को यह संदेश दिया की मित्रता निस्वार्थ होनी चाहिए अपने मित्र का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए सुख में दुख में हमेशा उसका साथ निभाना चाहिए। इसके पश्चात उन्होंने अनेक अलौकिक कथायें सुनाते हुए अंत में परीक्षित मोक्ष की कथा सुनते हुए कथा का समापन किया। कथा समापन के पश्चात आयोजक परीक्षित श्रीमती किरन चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने महापुराण की आरती करते हुए सभी भक्तों आभार व्यक्त किया। इस मौके पर चक डोरी आश्रम के महंत राकेश दास जी महाराज, सुरेश मिश्रा, महेश विदुआ, अवधेश फौजी, प्रसिद्ध नारायण यादव, श्री प्रकाश द्विवेदी, भगवती प्रसाद खरे, विश्वनाथ , लल्ला, महादेव व्यास, शिवराम मिश्रा, लक्ष्मण सिंह यादव,गजराज यादव, धनप्रसाद यादव,ओमप्रकाश सक्सेना, अजय बुंदेला, प्रजापाल बुंदेला, दयाराम सोनी, प्रिंस नामदेव, छोटेलाल बाबूजी, पवन यादव साहितबड़ी संख्या में कस्बा एवं क्षेत्र से भक्त मौजूद रहे।