*ब्रेकिंग: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, NDPS मामलों में ‘सचेत बरामदगी का सिद्ध होना अनिवार्य*
सुप्रीम कोर्ट ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS) के तहत मामलों में स्पष्ट किया कि अभियोजन पक्ष को साबित करना होगा कि प्रतिबंधित पदार्थ आरोपी के ‘सचेत कब्जे’ से बरामद हुआ है।
सचेत कब्जे की परिभाषा:
मादक पदार्थ का शारीरिक नियंत्रण और उसकी अवैध प्रकृति का ज्ञान होना जरूरी।
केवल पदार्थ की बरामदगी पर्याप्त नहीं; अभियोजन को आरोपी की मानसिक जागरूकता भी सिद्ध करनी होगी।
धारा 54:
सचेत कब्जे के प्रमाण के बाद ही सबूत का भार आरोपी पर स्थानांतरित होगा।
अभियोजन को पहले यह स्थापित करना होगा कि प्रतिबंधित पदार्थ आरोपी के सचेत कब्जे से जब्त किया गया।
यह फैसला NDPS मामलों में अभियोजन और न्यायिक प्रक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा तय करता है।